दुनिया भर में आकाश से इंसाने
मल
क्यों गिरता है?
एक अंग्रेज़ी अख़बार
में यह ख़बर छपी कि मध्य प्रदेश की राजरानी गौड़ के ऊपर बर्फ़ का एक बड़ा
सा टुकड़ा गिरा. फ़ुटबॉल के आकार का बर्फ का यह टुकड़ा उनके कंधे को चोटिल
कर गया.
विमानन विशेषज्ञ इसे 'ब्लू आइस' यानी 'नीली बर्फ़' कहते हैं.
यह नीली बर्फ़ दरअसल जमा हुआ मानव मल है, जो कभी कभी हवाई जहाज के टॉयलेट से गिर पड़ता है. यह नीला इसलिए होता है क्योंकि टॉयलेट में बदबू कम करने के लिए इसमें रसायन मिलाया जाता है.
मानव मल का उड़ते हुए हवाई जहाज से गिरना कोई नियमित घटना नहीं है, पर यह नामुमकिन भी नहीं है. इस तरह की घटना कभी कभी ही सही, पर होती है.
ब्रिटेन के नागरिक विमानन प्राधिकार ने माना है कि हर साल ब्रिटेन के आकाश से तकऱीबन 25 लाख जहाज गुजरते हैं और नीले बर्फ़ के गिरने की लगभग 25 घटनाएं होती हैं.
दरअसल, हवाई जहाजों के टॉयलट में विशेष रूप से बनी टंकियों में मानव मल जमा होते रहते हैं. जहाज के ज़मीन पर उतरने के बाद इन टंकियों को बाहर निकाल लिया जाता है.
पर अंतरराष्ट्रीय विमानन प्राधिकरणों से जुड़े लोग मानते हैं कि बीच उड़ान में टॉयलेट से मल गिरने की घटना हो जाती है.
ब्रिटेन के विल्टशर में रहने वाले कीथ और रुथ मीड के घर के ऊपर ऐसा ही बर्फ़ का गोला गिरा.
उन्होंने कहा, "यह निश्चय ही उस समय आसमान से गुजर रहे विमान से गिरा था. यह भला और कहां से आ सकता है?"
उनकी दुविधा यह भी है कि वे बीमा कंपनी से क्या कहें. वे कहती हैं, "हम उन्हें क्या यह कहें कि हमारे घर पर जमा हुआ मल और पेशाब गिर पड़ा? क्या बीमा कंपनी इस पर यकीन करेंगी?"
पर यह 'नीली बर्फ़' हमेशा जमी हुई ही हो, यह ज़रूरी नहीं है.
अमरीका के पेन्सिलवेनिया की रहने वाली 16 साल की किशोरी की तो पार्टी ही ख़राब हो गई. बीते साल मई में वे घर पर पार्टी कर रही थीं कि आकाश से मल के टुकड़े गिरने लगे.
इन लड़कियों के सौतेले पिता जो कैंब्रे ने कहा, "न जाने कहां से मल का टुकड़ा आ गिरा."
अमरीकी केंद्रीय विमानन प्राधिकार के पास इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई.
इसी तरह बीते साल न्यूज़ीलैंड हेरल्ड ने ख़बर दी कि ऑकलैंड के एक आदमी ने शिकायत की उनके ऊपर आकाश से कुछ गिरा. उनका मानना है कि यह मानव मल था.
पर विमानन प्राधिकार ने उन्हें बताया कि उस समय वहां से बत्तखों के समूह उड़ रहा था और यह मल उन बत्तखों का था.
यह मानव मल ही था, इसे साबित करना मुश्किल होता है.
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