युवक के पेट से निकला भ्रूण, 18 साल से पनप रहा था

संगम नगरी के एक युवक के पेट में भ्रूण
विकसित हो जाने का मामला सामने आया है। डॉक्टरों ने सर्जरी के जरिये युवक
के पेट से उस अविकसित बच्चे को बाहर निकाल लिया है। मेडिकल साइंस के
क्षेत्र में ऐसी बीमारी को ‘फिटस इन फिटू’ का नाम दिया गया है।
दुनिया में अब तक ऐसे गिने-चुने मामले ही सामने आए हैं। इससे पूर्व 1999 में नागपुर के 36 वर्षीय एक युवक के साथ ऐसी घटना हुई थी। मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में उस युवक के पेट से अविकसित बच्चा निकाला गया था।
झलवा के पास स्थित ग्राम हरियमपुर, पोस्ट बीखपुर के रहने वाले 18 वर्षीय नरेंद्र कुमार के पेट से अविकसित बच्चा निकाला गया। उसकी सर्जरी करने वाले डॉ. राजीव का दावा है कि नरेंद्र जब अपनी मां के गर्भ में था, उसी वक्त मां के गर्भ में एक और भ्रूण बन गया जो नरेंद्र का जुड़वा था लेकिन ‘फिटस इन फिटू’ बीमारी के कारण दूसरा भ्रूण नरेंद्र के पेट में चला गया।
दुनिया में अब तक ऐसे गिने-चुने मामले ही सामने आए हैं। इससे पूर्व 1999 में नागपुर के 36 वर्षीय एक युवक के साथ ऐसी घटना हुई थी। मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में उस युवक के पेट से अविकसित बच्चा निकाला गया था।
झलवा के पास स्थित ग्राम हरियमपुर, पोस्ट बीखपुर के रहने वाले 18 वर्षीय नरेंद्र कुमार के पेट से अविकसित बच्चा निकाला गया। उसकी सर्जरी करने वाले डॉ. राजीव का दावा है कि नरेंद्र जब अपनी मां के गर्भ में था, उसी वक्त मां के गर्भ में एक और भ्रूण बन गया जो नरेंद्र का जुड़वा था लेकिन ‘फिटस इन फिटू’ बीमारी के कारण दूसरा भ्रूण नरेंद्र के पेट में चला गया।
नरेंद्र की हालत अब ठीक है। डॉ. राजीव का दावा है कि चिकित्सा जगत में इस तरह की घटनाएं बहुत की कम हुआ करती हैं। उनके मुताबिक दुनिया में अब तक इस तरह के कुल 90 मामले सामने आए हैं।
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